first of all thanks for the review and now please let me tell u frankly that it is totally no concern to us about the film, whether its ok or not good rite coz this group is concern about rahman and his music..... talk about him and his music not about the movie we r not interested in reviews rite so please do not tell us about the movie just talk rahmania and his music thanksNikit Patel (Ravi)
To: [EMAIL PROTECTED]: [EMAIL PROTECTED]: Mon, 7 Jul 2008 22:31:27 +0530Subject: [arr] JTJYN review in garamchai.in: जाने तू..”: क्या बकवास फिल्म है! http://www.garamchai.in/?p=582Published by शेखचिल्ली July 5th, 2008 in फ़िल्में.जिस फिल्म में कहानी ही नहीं हो आप उसे कैसी फिल्म कहेंगे?इस साल की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक “जाने तू या जाने ना” जैसी फिल्म को देख कर यकीन नहीं होता कि यह 2008 जैसे समय में बनी फिल्म है, यकीन नहीं होता कि आमिर खान ने बिना स्क्रिप्ट देखे फिल्म बनाने की हामी भरी होगी, यकीन नहीं होता कि अपने भांजे के लिए पहली ही फिल्म आमिर ने बिना कहानी के बनाने का फैसला किया होगा।जिस फिल्म में पहले पंद्रह मिनट नायिका की कुतिया मर जाने की शोकसभा और उस पर गाना गाने में बीतें, जिस फिल्म में इंटरवल तक कोई कहानी ही नहीं हो और जिस फिल्म में इंटरवल के बाद नायक-नायिका के अलावा दुनिया भर के पात्रों की कहानियां बताई जाने लगें, उस फिल्म को आप कैसे आमिर खान प्रोडक्शन की फिल्म मान सकते हैं?फिल्म में हीरो-हीरोइनों के चार दोस्तों को उन दोनों को खुश देख कर खुश होने के सिवा कोई काम ही नहीं है (क्या “ सैड लाइफ” है), हीरो-हीरोइन की ज़िंदगी में खुश रहने के सिवा कोई काम नहीं है (पढ़ाई खत्म हो गई, नौकरी की किसी को याद भी नहीं आती, लगता है “कोमा” में चले गए हैं सभी)। ये कौन से जमाने की पीढ़ी है? (राजेन्द्र कुमार की?)फिल्म में सब बात करते रहते हैं, एक-दूसरे के प्रति प्यार दिखाते रहते हैं। नहीं, और कुछ नहीं होता। कम से कम इंटरवल तक।वो बहुत अच्छा है, वो बहुत अच्छी है।तो प्रॉब्लम क्या है?कुछ नहीं।प्रॉब्लम नहीं है तो फिल्म की कहानी कैसे बढ़ेगी?क्या बकवास सवाल है!! जब फिल्म में कहानी ही नहीं है बढ़ने का सवाल कहां से आता है? ठीक है, इंटरवल तक की कहानी आपने पढ़ ली। ( वही, वो बहुत अच्छा है, वो बहुत अच्छी है।) चलो, अब इंटरवल हो गया, अब कुछ होगा।हां, कुछ और बिना दिमाग की दिमागी कसरत। एक और लड़की आ गई और हीरो उसके पीछे चला गया।क्यों? ये फिल्म में नहीं बताया गया, बस वो चला गया।हीरोइन भी दूसरे लड़के के पीछे चली गई।क्यों?क्योंकि उसे पहला लड़का अच्छा लगता था लेकिन निर्देशक ने कहा, उसके साथ चली जाओगी तो फिल्म इंटरवल में ही खत्म हो जाएगी।फिर हीरो के दिलो-दिमाग से पहली लड़की निकल गई। फिर वह दूसरी लड़की के घर खाना खाने गया। वहां उसने पाया कि दूसरी लड़की और उसके मां-बाप सब मनोरोगी हैं। ( यह फिल्म नहीं कहती, उनके बर्ताव के आधार पर हम बता रहे हैं।)शांतिपूर्वक खाना खाने को नहीं मिलता तो वह उसे छोड़ कर पहली लड़की के पास आ जाता है। फिल्म के अनुसार, उसे अहसास होता है कि वह हमेशा उससे ही प्यार करता था।( सही कहा गया है, पुरुष के दिल का रास्ता उसके पेट से होकर जाता है। पुरुषों से पूछना चाहिए, हार्ट अटैक से पहले पेट दर्द हुआ था क्या?)हीरोइन को भी एक थप्पड़ खाकर पता चल जाता है कि यह दूसरा लड़का उसके लायक नहीं था। पूरी दुनिया और उसके भाई-बंद जो बात तीन घंटे से कह रहे थे (कि तुम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हो) यह अब उसकी भी समझ में आ गई।तो प्रॉब्लम क्या है?यही कि निर्देशक अभी भी फिल्म खत्म नहीं करना चाहता।तो हीरोइन अमेरिका जाने लगती है। (हमारी फिल्मों की हीरोइन कभी कहीं और क्यों नहीं जाती? कैसा लगेगा हीरोइन के मुंह से यह सुनना- “ मैं बुर्किना फासो जा रही हूं।)अब हीरो का भी हीरोइन नंबर दो से पीछा छूट गया, हीरोइन का भी हीरो नंबर दो से पीछा छूट गया और दोनों ने एक-दूसरे को यह बता भी दिया।तो प्रॉब्लम क्या है!!???यह, कि निर्माता- निर्देशक को यकीन है कि दर्शकों का मानसिक विकास बारह साल की उम्र में रुक गया था। इसलिए उसके भेजे में हथौड़ा मार-मार कर यह “निम्न बुद्धिमत्ता स्तर” की प्रेम कहानी बिठानी है।इसलिए हीरोइन हवाईअड्डे पर जाती है, हीरो घोड़े पर चढ कर मुम्बई के एक छोर से दूसरे छोर पर स्थित हवाई अड्डे की ओर टक- टक की चाल से जाता है (जी नहीं, वह घोड़ा नहीं दौड़ाता, निर्देशक ने जल्दी पहुंचने से मना किया था)।फिर बी ग्रेड की असफल हिंदी फिल्मों की तरह हवाई अड्डे पर हीरो- हीरोइन का मिलन हो जाता है।बाकी मित्रों को भी उनके ब्वाय –फ्रेंड, गर्ल फ्रेण्ड मिल जाते हैं। सब सुखी हो जाते हैं।हम अब तक दुखी हैं, आमिर खान का नाम जुड़ा देख कर फिल्म देखने क्यों गए।-- _________________________________________________________________ It’s a talkathon – but it’s not just talk. http://www.imtalkathon.com/?source=EML_WLH_Talkathon_JustTalk