Please add me to Kannada stf On 2 Oct 2016 16:48, "Shreenivas Naik" <shreenivasnaik.hindi.vo...@gmail.com> wrote:
> लाल बहादुर शास्त्री > > लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय, उत्तर प्रदेश में > 'मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव' के यहां हुआ था। इनके पिता प्राथमिक विद्यालय > में शिक्षक थे। ऐसे में सब उन्हें 'मुंशी जी' ही कहते थे। बाद में उन्होंने > राजस्व विभाग में क्लर्क की नौकरी कर ली थी। लालबहादुर की मां का नाम > 'रामदुलारी' था। > > परिवार में सबसे छोटा होने के कारण बालक लालबहादुर को परिवार वाले प्यार से > 'नन्हे' कहकर ही बुलाया करते थे। जब नन्हे अठारह महीने के हुए तब दुर्भाग्य से > उनके पिता का निधन हो गया। उसकी मां रामदुलारी अपने पिता हजारीलाल के घर > मिर्जापुर चली गईं। कुछ समय बाद उसके नाना भी नहीं रहे। बिना पिता के बालक > नन्हे की परवरिश करने में उसके मौसा रघुनाथ प्रसाद ने उसकी मां का बहुत सहयोग > किया। > > ननिहाल में रहते हुए उसने प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। उसके बाद की शिक्षा > हरिश्चन्द्र हाई स्कूल और काशी विद्यापीठ में हुई। काशी विद्यापीठ से शास्त्री > की उपाधि मिलते ही शास्त्री जी ने अनपे नाम के साथ जन्म से चला आ रहा जातिसूचक > शब्द श्रीवास्तव हमेशा के लिए हटा दिया और अपने नाम के आगे शास्त्री लगा लिया। > > इसके पश्चात 'शास्त्री' शब्द 'लालबहादुर' के नाम का पर्याय ही बन गया। बाद के > दिनों में "मरो नहीं, मारो" का नारा लालबहादुर शास्त्री ने दिया जिसने एक > क्रान्ति को पूरे देश में प्रचण्ड किया। उनका दिया हुआ एक और नारा 'जय जवान-जय > किसान' तो आज भी लोगों की जुबान पर है। > > भारत में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन > के एक कार्यकर्ता लाल बहादुर थोड़े समय (1921) के लिए जेल गए। रिहा होने पर > उन्होंने एक राष्ट्रवादी विश्वविद्यालय काशी विद्यापीठ (वर्तमान में महात्मा > गांधी काशी विद्यापीठ) में अध्ययन किया और स्नातकोत्तर शास्त्री (शास्त्रों का > विद्वान) की उपाधि पाई। संस्कृत भाषा में स्नातक स्तर तक की शिक्षा प्राप्त > करने के बाद वे भारत सेवक संघ से जुड़ गए और देशसेवा का व्रत लेते हुए यहीं से > अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की। > > शास्त्रीजी सच्चे गांधीवादी थे जिन्होंने अपना सारा जीवन सादगी से बिताया और > उसे गरीबों की सेवा में लगाया। भारतीय स्वाधीनता संग्राम के सभी महत्वपूर्ण > कार्यक्रमों व आन्दोलनों में उनकी सक्रिय भागीदारी रही और उसके परिणामस्वरूप > उन्हें कई बार जेलों में भी रहना पड़ा। स्वाधीनता संग्राम के जिन आन्दोलनों > में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही उनमें 1921 का असहयोग आंदोलन, 1930 का दांडी > मार्च तथा 1942 का भारत छोड़ो आन्दोलन उल्लेखनीय हैं। > शास्त्रीजी के राजनीतिक दिग्दर्शकों में पुरुषोत्तमदास टंडन और पण्डित गोविंद > बल्लभ पंत के अतिरिक्त जवाहरलाल नेहरू भी शामिल थे। सबसे पहले 1929 में > इलाहाबाद आने के बाद उन्होंने टण्डनजी के साथ भारत सेवक संघ की इलाहाबाद इकाई > के सचिव के रूप में काम करना शुरू किया। > > इलाहाबाद में रहते हुए ही नेहरूजी के साथ उनकी निकटता बढ़ी। इसके बाद तो > शास्त्रीजी का कद निरंतर बढ़ता ही चला गया और एक के बाद एक सफलता की सीढियां > चढ़ते हुए वह नेहरूजी के मंत्रिमंडल में गृहमंत्री के प्रमुख पद तक जा पहुंचे। > > 1961 में गृह मंत्री के प्रभावशाली पद पर नियुक्ति के बाद उन्हें एक कुशल > मध्यस्थ के रूप में प्रतिष्ठा मिली। तीन साल बाद जवाहरलाल नेहरू के बीमार > पड़ने पर उन्हें बिना किसी विभाग का मंत्री नियुक्त किया गया और नेहरू की > मृत्यु के बाद जून 1964 में वह भारत के प्रधानमंत्री बने। > > उन्होंने अपने प्रथम संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उनकी पहली प्राथमिकता > खाद्यान्न मूल्यों को बढ़ने से रोकना है और वे ऐसा करने में सफल भी रहे। उनके > क्रियाकलाप सैद्धांतिक न होकर पूरी तरह से व्यावहारिक और जनता की आवश्यकताओं > के अनुरूप थी। निष्पक्ष रूप से देखा जाए तो शास्त्रीजी का शासन काल बेहद कठिन > रहा। > > भारत की आर्थिक समस्याओं से प्रभावी ढंग से न निपट पाने के कारण शास्त्री जी > की आलोचना भी हुई,लेकिन जम्मू-कश्मीर के विवादित प्रांत पर पड़ोसी पाकिस्तान > के साथ 1965 में हुए युद्ध में उनके द्वारा दिखाई गई दृढ़ता के लिए उनकी बहुत > प्रशंसा हुई। > > ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ युद्ध न करने की ताशकंद > घोषणा के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद उनकी मृत्यु हो गई। शास्त्रीजी को > उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिए आज भी पूरा भारत श्रद्धापूर्वक याद > करता है। उन्हें मरणोपरान्त वर्ष 1966 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। > > -- > 1. Webpage for this HindiSTF is : https://groups.google.com/d/ > forum/hindistf > Hindi KOER web portal is available on http://karnatakaeducation.org. > in/KOER/en/index.php/Portal:Hindi > > 2. For Ubuntu 14.04 installation, visit http://karnatakaeducation.org. > in/KOER/en/index.php/Kalpavriksha (It has Hindi interface also) > > 3. For doubts on Ubuntu and other public software, visit > http://karnatakaeducation.org.in/KOER/en/index.php/ > Frequently_Asked_Questions > > 4. If a teacher wants to join STF, visit http://karnatakaeducation.org. > in/KOER/en/index.php/Become_a_STF_groups_member > > 5. Are you using pirated software? Use Sarvajanika Tantramsha, see > http://karnatakaeducation.org.in/KOER/en/index.php/Why_public_software > सार्वजनिक संस्थानों के लिए सार्वजनिक सॉफ्टवेयर > --- > You received this message because you are subscribed to the Google Groups > "HindiSTF" group. > To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send an > email to hindistf+unsubscr...@googlegroups.com. > To post to this group, send email to hindistf@googlegroups.com. > Visit this group at https://groups.google.com/group/hindistf. > To view this discussion on the web, visit https://groups.google.com/d/ > msgid/hindistf/CAOWNnMF-m4ww6ZirhwJw8BR_HWXpq250z8r9whrnDwKJgPuwXQ% > 40mail.gmail.com > <https://groups.google.com/d/msgid/hindistf/CAOWNnMF-m4ww6ZirhwJw8BR_HWXpq250z8r9whrnDwKJgPuwXQ%40mail.gmail.com?utm_medium=email&utm_source=footer> > . > For more options, visit https://groups.google.com/d/optout. > -- 1. Webpage for this HindiSTF is : https://groups.google.com/d/forum/hindistf Hindi KOER web portal is available on http://karnatakaeducation.org.in/KOER/en/index.php/Portal:Hindi 2. For Ubuntu 14.04 installation, visit http://karnatakaeducation.org.in/KOER/en/index.php/Kalpavriksha (It has Hindi interface also) 3. For doubts on Ubuntu and other public software, visit http://karnatakaeducation.org.in/KOER/en/index.php/Frequently_Asked_Questions 4. If a teacher wants to join STF, visit http://karnatakaeducation.org.in/KOER/en/index.php/Become_a_STF_groups_member 5. Are you using pirated software? Use Sarvajanika Tantramsha, see http://karnatakaeducation.org.in/KOER/en/index.php/Why_public_software सार्वजनिक संस्थानों के लिए सार्वजनिक सॉफ्टवेयर --- You received this message because you are subscribed to the Google Groups "HindiSTF" group. To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send an email to hindistf+unsubscr...@googlegroups.com. To post to this group, send an email to hindistf@googlegroups.com. Visit this group at https://groups.google.com/group/hindistf. To view this discussion on the web, visit https://groups.google.com/d/msgid/hindistf/CAN3fwd5zu1k9ye9dQ7ZjTZBBrvTgAp8OA8huAAL%2BFihg6bbnMw%40mail.gmail.com. For more options, visit https://groups.google.com/d/optout.