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On 2 Oct 2016 16:16, "Shreenivas Naik" <shreenivasnaik.hindi.vo...@gmail.com>
wrote:

> *जल संरक्षण*
>
> *परिचय*
>
> जैसा कि हम सभी जानते हैं कि जल हमें और दूसरे जीव-जन्तुओं को धरती पर जीवन
> प्रदान करता है। धरती पर जीवन को जारी रखना बहुत जरूरी है। बिना पानी के, किसी
> भी ग्रह पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। पृथ्वी पूरे ब्रह्माण्ड का
> एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ पानी और जीवन आज की तारीख तक मौजूद है। इसलिये, हमें
> अपने जीवन में जल के महत्व को दरकिनार नहीं करना चाहिये और सभी मुमकिन
> माध्यमों के प्रयोग से जल को बचाने की पूरी कोशिश करनी चाहिये। पृथ्वी लगभग
> 71% जल से घिरी हुई है हालांकि, पीने के लायक बहुत कम पानी है। पानी को
> संतुलित करने का प्राकृतिक चक्र स्वत: ही चलता रहता है जैसे वर्षा और
> वाष्पीकरण। हालांकि, धरती पर समस्या पानी की सुरक्षा और उसे पीने लायक बनाने
> की है जोकि बहुत ही कम मात्रा में उपलब्ध है। जल संरक्षण लोगों की अच्छी आदत
> से संभव है।
>
> *हमें जल को क्यों बचाना चाहिये*
>
> हमें जल को क्यों बचाना चाहिये का उत्तर जानने के लिये, पहले पानी के महत्व
> को जानना चाहिये अर्थात् हमारे जीवन में जल कितना कीमती है। बिना ऑक्सीजन,
> पानी और भोजन के जीवन संभव नहीं है। लोकिन इन तीनों में सबसे जरूरी जल है। अब
> प्रश्न उठता है कि कितना प्रतिशत शुद्ध जल धरती पर मौजूद है।
>
> आंकड़ों के अनुसार, ऐसा आकलन किया गया है कि 1% से भी कम पानी पृथ्वी पर पीने
> के लायक है। अगर हम पीने के पानी और विश्व की जनसंख्या का पूरा अनुपात
> निकालें, ये होगा, हर दिन पानी के 1 गैलन पर एक बिलियन से भी अधिक लोग पूरी
> दुनिया में जी रहें हैं। ऐसा भी आकलन किया गया है कि लगभग या 3 बिलियन से भी
> ज्यादा लोग 2025 तक पानी की कमी से जूझेंगे।
>
> लोग अब स्वच्छ जल का महत्व समझना शुरु कर चुके है हालांकि पूरी तरह से जल को
> बचाने की कोशिश नहीं कर रहें हैं। पानी को बचाना एक अच्छी आदत है और जीवन को
> धरती पर जारी रखने के लिये हरेक को अपना सबसे बेहतरीन प्रयास करना चाहिये। कुछ
> साल पहले, कोई भी दुकान पर पानी नहीं बेचता था हालांकि अब समय बहुत बदल चुका
> है और अब हम देख सकते हैं कि सभी जगह शुद्ध पानी का बॉटल बिक रहा है। पूर्व
> में, पहले लोग पानी को दुकानों में बिकता देख आश्चर्यचकित हो गये थे हालांकि
> अब, अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिये 20 रुपये प्रति बॉटल या उससे अधिक देने के
> लिये तैयार हैं। हम साफतौर पर महसूस कर सकते हैं कि आने वाले भविष्य में पूरी
> दुनिया में स्वच्छ जल की अधिक कमी होगी। नीचे, हमने कुछ तथ्य दिये हैं जो आपको
> बतायेगें कि आज हमारे लिये साफ पानी कितना मूल्यवान बन चुका है:
>
> बहुत सारे लोग जो पानी से होने वाली बीमारियों के कारण मर रहें हैं, 4 मिलियन
> से ज्यादा हैं।साफ पानी की कमी और गंदे पानी की वजह से होने वाली बीमारियों से
> सबसे ज्यादा विकासशील देश पीड़ित हैं।एक दिन के समाचार पत्रों को तैयार करने
> में लगभग 300 लीटर पानी खर्च हो जाता है, इसलिये खबरों के दूसरे माध्यमों के
> वितरण को बढ़ावा देना चाहिये।पानी से होने वाली बीमारियों के कारण हर 15
> सेकेण्ड में एक बच्चा मर जाता है।पूरे विश्व में लोगों ने पानी के बॉटल का
> इस्तेमाल शुरु कर दिया है जिसकी कीमत $60 से $80 बिलियन प्रति साल है।भारत,
> अफ्रीका और एशिया के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को साफ पानी के लिये लंबी
> दूरी (लगभग 4 कि.मी. से 5कि.मी.) तय करनी पड़ती है।भारत में पानी से होने वाली
> बीमारी के वजह से लोग ज्यादा पीड़ित हैं जिसकी वजह से बड़े स्तर पर भारत की
> अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है।
>
> *जल बचाव के तरीके*
>
> जीवनशैली में बिना किसी बदलाव के पानी बचाने के कुछ बेहतरीन तरीकों को हमने
> आपसे साझा किये। घर का कोई सदस्य घरेलू कार्यों के लिये रोज लगभग 240 लीटर
> पानी खर्च करता है। एक चार सदस्यों वाला छोटा मूल परिवार औसतन 960 लीटर
> प्रतिदिन और 350400 लीटर प्रतिवर्ष खर्च करता है। रोजाना पूरे उपभोग का केवल
> 3% जल ही पीने और भोजन पकाने के लिये उपयोग होता है बाकी का पानी दूसरे
> कार्यों जैसे पौधों को पानी देना, नहाना, कपड़े धोना आदि में इस्तेमाल होता है।
>
> *जल बचाव के कुछ सामान्य नुस्ख़े:*
>
> सभी को अपनी खुद की जिम्मेदारी को समझना चाहिये और पानी और भोजन पकाने के
> अलावा पानी के अधिक उपयोग से बचना चाहिये।अगर धीरे-धीरे हम सभी लोग गार्डन को
> पानी देने से, शौच में पानी डालने से, साफ-सफाई आदि के लिये पानी की बचत करने
> लगेगें, प्रति अधिक पानी का बचत संभव होगी।हमें बरसात के पानी को शौच,
> लाँड्री, पौधौ को पानी आदि के उद्देश्य लिये बचाना चाहिये।हमें बरसात के पानी
> को पीने और भोजन पकाने के लिये एकत्रित करना चाहिये।हमें अपने कपड़ों को केवल
> धोने की मशीन में धोना चाहिये जब उसमें अपनी पूरी क्षमता तक कपड़े हो जाएँ। इस
> तरीके से, हम 4500लीटर पानी के साथ ही बिजली भी प्रति महीने बचा लेंगे।फुहारे
> से नहाने के बजाय बाल्टी और मग का प्रयोग करें जो प्रति वर्ष 150 से 200लीटर
> पानी बचायेगा।हमें हर इस्तेमाल के बाद अपने नल को ठीक से बंद करना चाहिये जो
> 200 लीटर पानी हर महीने बचायेगा।होली त्योहार के दौरान पानी के अत्यधिक
> इस्तेमाल को कम करने के लिये सूखी और सुरक्षित को बढ़ावा देना चाहिये।जल
> बर्बादी से हमें खुद को बचाने के लिये अपने जीने के लिये जल की एक-एक बूंद के
> लिये रोज संघर्ष कर रहे लोगों की खबरों के बारे में हमें जागरुक रहना
> चाहिये।जागरुकता फैलाने के लिये हमें जल संरक्षण से संबंधित कार्यक्रमों को
> बढ़ावा देना चाहिये।गर्मी के मौसम में कूलर में अधिक पानी बर्बाद न होने दें,
> केवल जरुरत भर का ही इस्तेमाल करें।हमें पाइप के द्वारा लॉन, घर या सड़कों पर
> पानी डालकर नष्ट नहीं करना चाहिये।पौधारोपण को वर्षा ऋतु में लगाने के लिये
> प्रेरित करें जिससे पौधों को प्राकृतिक रुप से पानी मिलें।हमें अपने हाथ, फल,
> सब्जी आदि को खुले हुए नल के बजाय पानी के बर्तन से धोने की आदत बनानी
> चाहिये।हमें दोपहर के 11 बजे से 4 बजे तक पौधों को पानी देने से बचना चाहिये
> क्योंकि उस समय उनका वाष्पीकरण हो जाता है। सुबह या शाम के समय पानी देने से
> पौधे पानी को अच्छे से सोखते हैं।हमें पौधरोपण को बढ़ावा देना चाहिये जो सुखा
> सहनीय हो।हमें पारिवारिक सदस्यों, बच्चों, मित्रों, पड़ोसियों और
> सह-कर्मचारियों को सकारात्मक परिणाम पाने के लिये अपने अंत तक यही प्रक्रिया
> अपनाने या करने के लिये प्रेरित करना चाहिये।
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