http://www.bhaskar.com/news/BIH-GAYA-teacher-pankaj-kumar-ambasta-blind-5247082-PHO.html आंखों की रोशनी चली गई। हताश होकर पिता जी ने कहा कि बेटा अब घर पर ही रहो। पर तमाम परेशानियों को झेलने हुए पंकज ने पटना यूनिवर्सिटी से बीएड व एमएड और इग्नू से पीजी तक पढ़ाई पूरी की। आज वे शहर के प्लस टू उच्च विद्यालय (नवस्थापित) में सामाजिक विज्ञान के शिक्षक हैं।
स्टूडेंट्स के फेवरेट हैं पंकज स्टूडेंट्स के ये चहेते शिक्षक हैं। इसकी क्लास कोई मिस करना नहीं चाहता है। इस विषय के अलावा ये संगीत शिक्षक की कमी भी पूरी कर रहे हैं। 2004 से 2009 तक ऑल डिसेबल एवं सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन के स्टेट प्रेसीडेंट भी रहे। पंकज ने सरकारी नौकरी में नेत्रहीनों को एक फीसदी आरक्षण दिलाने में काफी भूमिका निभाई। नौंवीं कक्षा में थे तब चली गई थी आंखों की रोशनी नवादा जिले के पकरीबरावां प्रखंड के बिहटा गांव का रहने वाला पंकज उस समय नौवीं कक्षा का छात्र था। बिजली कटी हुई थी। वह पंपिंग सेट का गैलनसुत्ता ठीक कर रहा था। अचानक बिजली आ गई और मशीन चलने लगी। दोनों आंखों में गैलनसुत्ता का झटका लग गया। इस दुर्घटना में इसके दोनों आंखों का रेटीना खराब हो गया और उसकी दुनिया में हमेशा के लिए अंधेरा छा गया। पटना में रहने वाले इनके मौसा ने पटना के ब्लाइंड स्कूल में एडमिशन करा दिया। वहीं के छात्रावास में रहकर इसने 1996 में मैट्रिक परीक्षा पास की। चार साल तक स्टोव पर खुद बनाया खाना 1997 में पंकज का दाखिला बीएन कॉलेज पटना में हुआ। शालीग्राम छात्रावास में इनको कमरा मिला। एक कमरे में चार नेत्रहीन छात्र रहने लगे। मेस बंद हो जाने के बाद चार साल तक खुद स्टोव पर खाना बनाकर खाया। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके चलते ट्यूशन पढ़ाना मजबूरी हो गई। 2009 में बने शिक्षक, अब लेक्चरर बनने की कर रहे हैं तैयारी पटना विवि में लुई ब्रेल जयंती के मौके पर सीएम नीतीश कुमार का कार्यक्रम हुआ ,जिसका संचालन पंकज ने ही किया। 2009 में इन्हें शिक्षक की नौकरी मिली। इनकी पोस्टिंग प्लस टू उच्च विद्यालय (नवस्थापित) में हुई। अभी ये लेक्चरर बनने की तैयारी कर रहे हैं। यहां के प्रभारी प्राचार्य बताते हैं कि पंकज सर स्कूल में हाेने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मंच का संचालन करते हैं। ये अच्छे गायक और हारमोनियम वादक भी हैं। पंकज बताते हैं कि ईश्वर की लीला देखिए, मेरे बड़े भाई की भी दुर्घटना में आंखों की रोशनी चली गई थी। PREV 1 2 NEXT Email Google P -- Avinash Shahi Doctoral student at Centre for Law and Governance JNU Register at the dedicated AccessIndia list for discussing accessibility of mobile phones / Tabs on: http://mail.accessindia.org.in/mailman/listinfo/mobile.accessindia_accessindia.org.in Search for old postings at: http://www.mail-archive.com/accessindia@accessindia.org.in/ To unsubscribe send a message to accessindia-requ...@accessindia.org.in with the subject unsubscribe. To change your subscription to digest mode or make any other changes, please visit the list home page at http://accessindia.org.in/mailman/listinfo/accessindia_accessindia.org.in Disclaimer: 1. Contents of the mails, factual, or otherwise, reflect the thinking of the person sending the mail and AI in no way relates itself to its veracity; 2. AI cannot be held liable for any commission/omission based on the mails sent through this mailing list..