युवक ने बनाया नेत्रहीनों के लिए 'जादूई टॉर्च'
September 14, 2015,12:49:50 PM, Navbharat Times

कोच्चि

8वीं कक्षा में पढ़ रहे अफलाह मदस्सेरी रोज अपने नेत्रहीन अंग्रेजी टीचर
को छड़ी लेकर बड़ी मुश्किल से सड़क पार करते देखते थे। रोज उनके मन में
आता कि किस तरह टीचर की मदद की जाए। अगले साल, 9वीं क्लास में अफलाह ने
रे ऑप्टिक्स के बारे में पढ़ा और उन्हें एक तरकीब सूझी।

18 साल के अफलाह बताते हैं, 'मैंने सोचा कि क्यों ना मैं एक ऐसे गैजट
बनाऊं जो कि नेत्रहीनों को बताए कि सड़क पर कहां दिक्कत है। एक बार जब
मैंने ऐसा सोचा फिर मैं दिल-जान से गैजट बनाने की कोशिशों में जुट गया।'

मल्लपुरम से अफलाह ने इस साल 12वीं की पढ़ाई पूरी कर ली है। उन्होंने
'ब्लाइंड टॉर्च' नाम का एक गैजट भी बना लिया है। मोबाइल की आकृति का यह
गैजट नेत्रहीन व्यक्ति को उसके सामने आने वाली चीज के बारे में जानकारी
देता है। अफलाह के इस गैजट को केरल सरकार द्वारा आयोजित इनोवेटिव इंडिया
कॉन्टेस्ट में दूसरा पुरस्कार मिला है। केरल सरकार राज्य में प्रतिभाओं
को बढ़ावा देने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन कने की योजना पर काम कर
रही है।

अफलाह के चाचा कालीकट एनआईटी में इंजिनियरिंग के प्रफेसर हैं। अफलाह ने
अपने चाचा से भी सलाह ली।

अफलाह ने सर्किट की आकृति उकेरते हुए बताया कि गैजट किस तरह काम करता है।
उन्होंने कहा, 'जब एक नेत्रहीन व्यक्ति चल रहा है और उसके आगे कोई
असुविधा या किसी ओर तरह का रोधक आ जाता है तो गैजट में लगा सेंसर एक मीटर
से कम दूरी रह जाने पर सावधान करने के लिए कंपन करने लगता है।'

अफलाह को राज्य सरकार द्वारा शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में पुरस्कार
दिया गया। केएसआईडीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर एम.बीना ने कहा, 'हमने पाया
कि अफलाह का काम ना केवल बेहद खोजपरक है, बल्कि सामाजिक मुद्दे से भी
जुड़ा है। यह एक युवा दिमाग की कोशिश थी। वह नेत्रहीनों को सामाजिक
मुख्यधारा से जोड़कर उनकी जिंदगी बेहतर और आरामदेह बनाना चाहता है। इसी
बात ने हमारा मन जीत लिया।'

अफलाह की मंजिल आसान नहीं थी। एक ओर जहां उसकी क्लास के बाकी बच्चे बोर्ड
परीक्षा और प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुटे थे वही वह सर्किट डिजाइन
को समझने और गैजट बनाने में जरूरत पड़ने वाले उपकरणों के बारे में जानने
में घंटो उलझा रहता था। उसकी मां सजीथा एक स्कूल शिक्षिका हैं। उन्होंने
कहा, 'इससे 12वीं क्लास में उसके रिजल्ट पर असर पड़ा और उसे केवल 90
प्रतिशत अंक मिले।'

अफलाह ने अपने गैजट के लिए पेटेंट का आवेदन किया है। उन्हें उम्मीद है कि
उनका गैजट नेत्रहीन व्यक्तियों को डंडे से छुटकारा दिला सकेगा। अफलाह ने
कहा, 'जब मैंने यह गैजट बनाया तो मैं इसे लेकर अपने अंग्रेजी के शिक्षक
के पास गया। वह बहुत खुश हुए।'




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we want peace not pieces.
regards,
Danish Mahajan


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